तस्वीरें बोलती नहीं...
तस्वीरें बोलती नहीं, पर समेट लेती हैं सब अल्फ़ाज़ को, सब याद को, उस सफ़र को, जिसमें, हर बार होता हूँ थोड़ा सा मैं... और...थोड़ी सी ज़िन्दगी। ~मंगलम् भारत
नहीं पहुँचे तुम स्वयं तक, तो सफ़र कैसा। जो दिल ही दिल में दब गया, वो हुनर कैसा।।