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Showing posts from July, 2016

मेरा पत्रकारिता अनुभव

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मेरा पत्रकारिता अनुभव बी. टेक. प्रथम वर्ष के बाद गर्मी की छुट्टियां शुरू हो गई थीं, सारे लड़कों के व्हॉट्सएप्प पर घूमने फिरने, मौज करने की तस्वीरें और स्टेटस पड़े हुए थे, लेकिन मैं अपने ही मद में मस्त था। सुबह 7 बजे उठना, पानी भरना, नहाना, मम्मी को दवाई देकर 10 बजे टैंपो का जुगाड़ ढूंढते हुए KNEWS के दफ़्तर पर अपने वेब मीडिया के करिया कंप्यूटर पर आ जाना। सुबह 10: 30 का शुरू हुआ खेल सामान्यतः 6 : 30 तक तो चलता ही था। कभी-कभी तो 7 : 30 भी हो जाता था, एक बार तो 8 : 15 भी  हो गया था। दिन भर में पाँच सौ ख़बरें, सैकड़ों ट्वीट्स पढ़ो, अपनी भाषा में ढालो और लिख दो लेख। जब स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी छोड़ी थी, तो मेरी लिखी स्लग, शाम छः बजे की डिबेट की हेडिंग बनी “ मोह की माया से निकले स्वामी ” । यह मेरे इंटर्नशिप का सबसे महत्त्वपूर्ण पल था। मैं तभी से शायद शेष इंटर्न से बेहतर माना जाने लगा था। उसका एक कारण ये भी हो सकता है कि इंटर्नशिप करने वालों में लड़कियों की संख्या ज़्यादा थी, जबकि लड़के एक आध ही थे। सच मानिये, बी. टेक. के लड़के को मास कॉम की लड़कियों का इतना भाव कभी नहीं मिल

Title: Kyon hai(Ghazal)

सवाल ए ग़ज़ल पता नहीं, उसको मुझसे परेशानी क्यों है। उसे, मेरी ज़िन्दगी पर हैरानी क्यों है।। मर्द का दिल, पत्थर से कम नहीं होता यारों। मेरा दिल तोड़ने में उसे आसानी क्यों है।। भर जाता है हर ज़ख्म, मुद्दतों में पर। मेरे शे ’ रों पर, उनकी निशानी क्यों है।। दोस्त, यार, दिलदार ; सब साथ हैं। मगर हर लम्हा, एक वीरानी क्यों है।। मंगलम् भारत BManglam.blogspot.com
स्वतंत्रता का स्वप्न सोंच रहा हूँ ऐसा दिन जब भी दुनिया में आएगा। वंशवाद और काले धन से देश मुक्त हो जाएगा।। मिलेंगे अधिकार बराबर हर जाति की जनता को। मिलेगी इज़्ज़त बढ़ेगा पैसा, नेता और अभियंता को।। राजनीति बिसलेरी बोतल सी साफ़ हो जाएगी। नौकरियाँ भी मिलेंगी और बेगारी भी घट जाएगी।। आई आई टी के सारे लड़के देश छोड़ ना जाएंगे। फेसबुक विन्डोज़ बना कोई नव परचम लहराएंगे।। देश के वीर शहीदों का भी सम्मान हो जाएगा। उनके घर में पेंशन का भी इंतज़ाम हो जाएगा।। हिन्दू मुस्लिम करने वाले बेनूर हो जाएंगे। देश बाँटने वाले ख़ुद ही चूर-चूर हो जाएंगे।। विश्वविद्यालयों में बच्चों की फीस भी कम हो जाएगी। नलों में पानी आएगा और बिजली भी न जाएगी।। देशद्रोह की बात करे जो उसको सज़ा भी मिल जाए। देश को जो गाली दे जो उसके होंठ भी सिल जाएं।। सुधर जाए कानून हमारा, दोषी को ही सज़ा मिले। कानून सुरक्षा करे जो हर पल उसको उसकी जजा मिले।। राजनीति में जात देखकर टिकट न बाँटे जाएंगे। दंगे करने वाले ख़ुद ही शर्मसार हो जाएंगे।। मुल्क के नेता सुनेंगे देश के महकूमों मजबूरों की।
केजरीवाल के मोदी प्रहार का प्रदेश चुनाव पर असर      जब से दिल्ली में अरविंद और केंद्र में नरेंद्र आए हैं, दिल्ली अपने आप में बेचारी बन कर रह गई है। अरविंद अपनी असमर्थता का ठीकरा मोदी सरकार पर फोड़ देते हैं और भाजपाई अरविंद पर दिल्ली की जनता से धोखेबाज़ी का आरोप लगाते रहते हैं। कुछ समय पहले ही केंद्र ने दिल्ली सरकार के 13 बिलों समेत जनलोकपाल का महत्त्वपूर्ण कानून भी असंवैधानिक रूप से पास कराने का हवाला देकर अस्वीकार कर दिया। केजरीवाल को मोदी जी पर हमला बोलने का एक और बहाना मिल गया। और ऐसे भी, केजरीवाल मोदी जी पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। लेकिन केजरीवाल के इतने ज़्यादा मोदी प्रहार का कारण क्या है ?      जब से नरेन्द्र मोदी और अरविंद केजरीवाल भारतीय राजनीति का चेहरा बने हैं, विकास का मुद्दा सबसे बड़ा हो गया है। नरेन्द्र मोदी जब गुजरात से दिल्ली आए थे, तो सिर्फ़ विकास का मुद्दे पर। देश के युवा ने 33 फ़ीसदी वोट और 282 सीटों के साथ प्रधानमंत्री का सेहरा मोदी के सिर पर बांध दिया। यहीं दिल्ली में अरविंद ने अपने 49 दिन की सरकार के काम और विकास के मुद्दे पर जनता के बीच वोट

Madness of Fans

फ़ैन की आवारगी      फ़ैन होना किसी से छिपा हुआ नहीं है, फ़ैन सबके होते हैं और फ़ैन सब कोई होते हैं। मोदी, केजरीवाल, सलमान से लेकर डोनॉल्ड ट्रंप और राखी सावंत तक सबके। ये फ़ैन अपने आप में बहुत विचित्र प्राणी होता है। ये किसी से भी लड़ने भिड़ने की हिम्मत रखता है। मैं भी बहुत सारों का फ़ैन हूँ।  फ़ैन होना भी आजकल लोगों का स्टेटस बन गया है। आने वाले समय में हो सकता है, लोग अपने CV में भी फलाने जी का फ़ैन होने का सर्टिफिकेट लगाएँ। इनकी ज़िंदगी में सब सामान्य होता है, लेकिन कभी-कभी फ़ैन होना हद से ज़्यादा चुनौतीपूर्ण हो जाता है। समस्या तब पैदा होती है, जब इनका सेलेब्रिटी लीक से हटकर कुछ बयान दे देता है या फिर कुछ काण्ड कर देता है। बस, यहीं से शुरू होता है टकराव ; विचारों का, विचारधाराओं का, गालियों का और भी बहुत सारी चीजों का। दूसरी पार्टी के नेता के पिछले सारे ट्वीट निकाल कर सिद्ध करने की कोशिश की जाती है कि तुम्हारे नेता अपनी विचारधारा से भटक गए हैं, अब वो वैसे नहीं रहे (जैसे बीवी शादी के दस साल बाद, अब आप वैसे नहीं रहे टाइप बातें करती है)। और ये बात सिर्फ़ नेता तक सीमित नहीं र