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Showing posts from April, 2017

प्रोफ़ और स्टूडेण्ट के बीच पिस रहे हो, तो CR हो तुम।

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व्यथा, CR की             गैंग्स ऑफ़ वासेपुर में ‘ तेरी कह के लूँगा ’ वाली लाइन पर पब्लिक ने खूब तालियाँ मारीं, लेकिन क्लास के CR की बात आए तो मुहावरा थोड़ा सा बदलकर ‘ तेरी पूछ के लूँगा ’ हो जाता है।             ‘ तो ज़िन्दा हो तुम ’ वाले जावेद अख़्तर साहब को CR पर लिखने के लिये कहा जाता तो शायद कुछ यूँ लिखते।   प्रोफ़ और स्टूडेण्ट के बीच पिस रहे हो, तो CR हो तुम। HOD संग meeting में ख़ुद को घिस रहे हो, तो CR हो तुम।। ख़त्म हो चुके हो तुम, प्रोफ़ तक असाइनमेंट पहुँचाने में। दिन गुज़रता है तुम्हारा, क्लास को शिफ़्ट कराने में।। चाहे हो मासबंक या SHORTAGE, फँसते हो तुम। 50 बच्चे, 10 प्रोफ़, 1 HOD से कैसे निपटते हो तुम।। हर वक़्त परेशानी में हँस रहे हो, तो CR हो तुम। प्रोफ़ और स्टूडेण्ट के बीच पिस रहे हो, तो CR हो तुम।।             CR का जन्म होता नहीं, किया जाता है। ज़बरदस्ती। पूरी क्लास के बच्चे मिलकर एक ऐसे बंदे या बंदी का नाम तय करते हैं, जिसे दुनिया जहान के हर लफड़े को सुनाया जाता है। रात के दो बजे तक वो ये बताता है कि कल क्लास की टा

मीडिया, लोकतन्त्र के चौथे स्तम्भ के रूप में अपने कर्त्तव्यों का सही निर्वाह नहीं कर रहा है।

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(पुराना लेख, अब लिखने का मौका लगा।) उसूल पर जहाँ आँच आए ,   टकराना ज़रूरी है।         जो हो ज़िन्दा तो ज़िन्दा नज़र आना ज़रूरी है।।(वसीम बरेलवी)           वसीम बरेलवी का लिखा ये शे ’ र मीडिया पर ठीक तरह से लागू होता है। आज उन लोगों ने ही मीडिया को लोकतंत्र के कठघरे में खड़ा कर दिया है, जिनको मीडिया की बढ़ती सफलता फूटी आँख नहीं सुहाती। वे मीडिया की  स्वतन्त्रता से जलते हैं, और जब मीडिया के सवालों का जवाब नहीं होता, तो पूरे मीडिया को बिकाऊ बोलकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं।           विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बाद लोकतंत्र की शुचिता को अगर किसी ने बचा कर रखा है, तो वह है मीडिया। मीडिया ठीक उसी तरह लोकतंत्र के लिये ज़रूरी है, जितना सरकार। आम जनता और सरकार के बीच संवाद का ऑपरेटिंग सिस्टम है मीडिया।           समय-समय पर  मीडिया ही आम आदमी की आवाज़ बनता जा रहा है तथा राष्ट्रनिर्माण में अपना सबसे बड़ा योगदान देता रहा है। एक 72 वर्षीय बुज़ुर्ग अन्ना हज़ारे की जोशीली आवाज़ से निकलती भारत माता की जय की हुंकार और भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई, जो जन-जन