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Showing posts from October, 2016

Does Religion Defy Rationality???

क्या धर्म बौद्धिकता की अवहेलना करता है ?       भगवान श्रीकृष्ण गीता में अर्जुन से कहते हैं, साधुजनों के उद्धार के लिये, दुष्कर्म करने वालों का विनाश करने के लिये और धर्म की स्थापना के लिये मैं पल-पल में प्रकट होता हूँ।       मैं पूरे विषय को केवल दो पंक्तियों में समाप्त कर सकता हूँ। अगर आप मेरे हिन्दू होने, इनके मुसलमान होने, किसी अन्य के सिख होने को धर्म मानते हैं तो हाँ, निश्चित रूप से धर्म, बौद्धिकता की अवहेलना करता है। परन्तु, यदि आप उस व्यवस्था ; जिससे होकर प्रत्येक जन वैराग्य को प्राप्त करते हैं, को धर्म मानते हैं तो निश्चित रूप से धर्म, बौद्धिकता की अवहेलना नहीं करता। इसलिये प्रमुख विषय यह नहीं है, कि धर्म बौद्धिकता की अवहेलना करता है या नहीं। प्रमुख विषय यह है कि आप धर्म की संज्ञा क्या लेते हैं ?       साथियों ! अवहेलना की समस्या तब पैदा होती है, जब संवाद की संभावनाएँ समाप्त हो जाती हैं, तर्कों पर वाद-विवाद खत्म हो जाता है और अपनी नीतियों को धर्म का नाम बताकर मानव समाज पर थोपना प्रारंभ हो जाता ...

Violence in Modern Society

समकालीन दुनिया में हिंसा “ हिंसा से निर्मित भूसंस्कृति, मानवीय होगी न, मुझे भय ”             महात्मा गांधी की विचारधारा से भरी यह प्रेरक पंक्ति भारत की वैचारिक और मौलिक स्थिति तथा नवीन भारत में कार्य करने से पहले होने वाली असमंजसता को प्रस्तुत करती है और विचार  करने पर मजबूर करती है। प्रस्तुत समय, भारत के लिये विचार विभेद में संघर्ष तथा छटपटाहट के साथ जवाबदेही का है। पाकिस्तान की ओर से होती गोलीबारी और उसका प्रत्युत्तर, बाद में उरी हमले में सेना की कार्रवाई से एक ओर भारत के शौर्य का दर्शन होता है, वहीं दूसरी ओर नेहरू द्वारा दिये गए पंचशील सिद्धान्तों पर भी कुठाराघात होता है। प्रस्तुत दो विषयों में से किसी एक विषय की राह पकड़ना भारत के लिये कदापि सरल नहीं है। एक दिशा तो वह है, जो भारत की संस्कृति को बताती है ; दूसरी वह है जो ताकत को बताती है। भारत की संस्कृति में अहिंसा का महत्त्वपूर्ण स्थान रहा है। सत्य, अहिंसा, अस्तेय, अपरिग्रह और ब्रह्मचर्य की बात करें, या फिर भारत में जन्मे अन्य धर्मों की, सभी में अहिंसा का मार्ग ही...

Video of Manglam at Matrika Auditorium in Kavi Sammelan

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At Matrika Auditorium in Kavi Sammelan