प्रोफ़ और स्टूडेण्ट के बीच पिस रहे हो, तो CR हो तुम।
व्यथा, CR की गैंग्स ऑफ़ वासेपुर में ‘ तेरी कह के लूँगा ’ वाली लाइन पर पब्लिक ने खूब तालियाँ मारीं, लेकिन क्लास के CR की बात आए तो मुहावरा थोड़ा सा बदलकर ‘ तेरी पूछ के लूँगा ’ हो जाता है। ‘ तो ज़िन्दा हो तुम ’ वाले जावेद अख़्तर साहब को CR पर लिखने के लिये कहा जाता तो शायद कुछ यूँ लिखते। प्रोफ़ और स्टूडेण्ट के बीच पिस रहे हो, तो CR हो तुम। HOD संग meeting में ख़ुद को घिस रहे हो, तो CR हो तुम।। ख़त्म हो चुके हो तुम, प्रोफ़ तक असाइनमेंट पहुँचाने में। दिन गुज़रता है तुम्हारा, क्लास को शिफ़्ट कराने में।। चाहे हो मासबंक या SHORTAGE, फँसते हो तुम। 50 बच्चे, 10 प्रोफ़, 1 HOD से कैसे निपटते हो तुम।। हर वक़्त परेशानी में हँस रहे हो, तो CR हो तुम। प्रोफ़ और स्टूडेण्ट के बीच पिस रहे हो, तो CR हो तुम।। CR का जन्म होता नहीं, किया जाता है। ज़बरदस्ती। पूरी क्लास के बच्चे...