स्वतंत्रता का स्वप्न

सोंच रहा हूँ ऐसा दिन जब भी दुनिया में आएगा।
वंशवाद और काले धन से देश मुक्त हो जाएगा।।

मिलेंगे अधिकार बराबर हर जाति की जनता को।
मिलेगी इज़्ज़त बढ़ेगा पैसा, नेता और अभियंता को।।

राजनीति बिसलेरी बोतल सी साफ़ हो जाएगी।
नौकरियाँ भी मिलेंगी और बेगारी भी घट जाएगी।।

आई आई टी के सारे लड़के देश छोड़ ना जाएंगे।
फेसबुक विन्डोज़ बना कोई नव परचम लहराएंगे।।

देश के वीर शहीदों का भी सम्मान हो जाएगा।
उनके घर में पेंशन का भी इंतज़ाम हो जाएगा।।

हिन्दू मुस्लिम करने वाले बेनूर हो जाएंगे।
देश बाँटने वाले ख़ुद ही चूर-चूर हो जाएंगे।।

विश्वविद्यालयों में बच्चों की फीस भी कम हो जाएगी।
नलों में पानी आएगा और बिजली भी न जाएगी।।

देशद्रोह की बात करे जो उसको सज़ा भी मिल जाए।
देश को जो गाली दे जो उसके होंठ भी सिल जाएं।।

सुधर जाए कानून हमारा, दोषी को ही सज़ा मिले।
कानून सुरक्षा करे जो हर पल उसको उसकी जजा मिले।।

राजनीति में जात देखकर टिकट न बाँटे जाएंगे।
दंगे करने वाले ख़ुद ही शर्मसार हो जाएंगे।।

मुल्क के नेता सुनेंगे देश के महकूमों मजबूरों की।
मुल्क को मुल्क बनाने वाले किसानों मजदूरों की।।

काश्मीर की ख़बर कभी ना ख़ून में सनकर आएंगी।
प्रकृति के, वसुधा के भोले प्यारे वचन सुनाएंगी।।

सुनो देश के देशद्रोहियों, शायर की ज़बान सुनो।
पाक को अपनी जान बताने वालों ये फ़रमान सुनो।।

देश की पीठ में तुमने घोंपा वो शमशीर तुम्हारा है।
लाहौर कराची होगा तेरा लेकिन कश्मीर हमारा है।।

हाथ आग में मत डालो वरना बहुत पछताओगे।
भारत जर्जर करने वालों फिर से मुँह की खाओगे।।

एक लाख सैनिक थे तेरे उनको पल में झुका दिया।
बात देश की आई छप्पन इंची सीना दिखा दिया।।

पेशावर हमले हुए तो सारा हिंदुस्तान भी रोया था।
आँसू की दुःखभरी कहानी लिखते-लिखते सोया था।।

हमने उन पलों में अपना हाथ दोबारा बढ़ाया था।
बाढ़ आई जब मुल्क में तेरे तो भी हाथ बढ़ाया था।।

नहीं ज्ञात था तुम्हें कला है दायाँ हाथ बढ़ाने की।
और अपने बाँए हाथ से चाकू छुरी चलाने की।।

मुझे लगा कि हाथ बढ़ाना भारत की नादानी थी।
अपने बच्चे के हाथों से मुँह पर झापड़ खानी थी।।

मुझे यकीं है देश पाक की इस हरकत से सँभलेगा।
भारत की विदेश नीति को पल में सिरे से बदलेगा।।

वास्तव में सच्ची आज़ादी आएगी।
हर कोयल डाली-डाली मँडराएगी।।

देश फिर सोने की चिड़िया जगद्गुरू हो जाएगा।
देशप्रेम से ओत-प्रोत हर हिन्दुस्तानी आएगा।।

होगा ऐसा कभी मुल्क में मैं भी खुश हो जाऊँगा।
अपनी वो ही कशिश पिरो कर ताज़े गीत सुनाऊँगा।। 

मंगलम् भारत
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