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Script of Street Play Conclusion

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Conclusion Go to Scene - 1 Go to Scene -2 Go to Scene - 3 Go to Scene - 4 Go to Conclusion नज़र आपकी, सोंच आपकी, मुद्दा आपका है कैसे गुज़ारने हैं चार साल, नज़रिया आपका है खजूरिया को जॉब मिली, ये ज़रूरी है या पूछे उन सवालों के जवाब ज़रूरी हैं पलक झपकते ही गुज़र जाएंगे चार साल बाहर की दुनिया कर देगी बुरा हाल अगर नहीं कुछ सीखे, नहीं बने ख़ास बस हॉस्टल में बैठ कर करते रहे बकवास न वहाँ है माँ के हाथ का खाना, न वो दुलार बिना हुनर, बिना मेहनत दुनिया न करेगी स्वीकार गर्लफ्रेंड जाएगी भाग तुम्हारी कंगाली में पापा न देंगे साथ तुम्हारी कंगाली में इसीलिये ख़ुद को लो सुधार इन चार सालों में तराशो, ख़ुद को करो तैयार इन चार सालों में नज़र आपकी सोंच आपकी मुद्दा आपका है कैसे गुज़ारने हैं चार साल, नज़रिया आपका है Go to Scene - 1 Go to Scene -2 Go to Scene - 3 Go to Scene - 4 Go to Conclusion मंगलम् भारत BManglam.blogspot.in COMMENT WHAT YOU WANT TO SAY ABOUT THIS BLOG OR POST....

Script of Street Play Scene - 4

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नुक्कड़ नाटक (भाग - 4) Go to Scene - 1 Go to Scene -2 Go to Scene - 3 Go to Scene - 4 Go to Conclusion मामला हो गया है गरम, डालते हैं थोड़ी सी बरफ़ देखनी है अगली पिक्चर, तो चलते हैं चौथे पन्ने की तरफ़ Scene -4 अरे आ गईं आ गईं कंपनियाँ, अरे आ गईं आ गईं कंपनियाँ यूनिवर्सिटी में प्लेसमेंट का दौर हो रहा है शुरू मार्कशीट बताएगी किसने की कितनी पढ़ाई और इण्टरव्यू में देखी जाएगी आपकी चतुराई             इण्टरव्यू में जा रहे हैं हमदर्द खजूरिया             आइये देखते हैं उनका इण्टरव्यू खजूरिया- May I come in Sir?? इण्टरव्यूअर- आइये खजूरिया जी बैठिये खजूरिया - Thank you Sir. इण्टरव्यूअर- अरे वाह, ग्रेड्स तो बहुत अच्छे हैं आपके। तीन में A , चार में B+ खजूरिया- Thank you Sir. कोई लीडरशिप क्वालिटी है आपमें -जैसे किसी इवेन्ट का को ऑर्डिनेटर - Cultural fest organise कराते, तो सीख जाते - Technical fest organise कराते,...

Script of Street Play Scene - 3

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नुक्कड़ नाटक (भाग-3) Go to Scene - 1 Go to Scene -2 Go to Scene - 3 Go to Scene - 4 Go to Conclusion अरे पता चला तुझे ? अरे हाँ यार। अरे पता चला तुझे ? हाँ भाई हाँ। बिन बताए सीधे ही। अरे पता चला तुझे ? ना भाई ना, क्या हो गया, कोई बम फटा क्या ? कोई पिटा क्या ? अरे कोई बम नहीं फटा, कोई नहीं पिटा। यूनिवर्सिटी अगले साल फ़ीस बढ़ा रही है। क्या .....??? कुछ तो करना पड़ेगा दया, कुछ तो करना पड़ेगा। क्या टप्पू के पापा ? हमें कुछ ऐसा करना होगा, जो उन्हें जड़ से हिला दे। कैसे खड़ा करना होगा एक आंदोलन जो सारे बच्चों की आवाज़ बन जाए जिससे सुधर जाए फ़ीस का मसला अगले सेमेस्टर की स्टार्टिंग डेट ना करे इंटर्नशिप में लफ़ड़ा अगर कर दो गुरू, तो सारा काम बन जाए शिवानी के भरोसे.... अरे चुप.... अबे कोई इसे शिवानी दिलाओ यार, शिवानी के प्यार में बावला हुआ जा रहा है ये करना क्या होगा ? सारे बच्चों को VC सर से मिलाना पड़ेगा अपनी समस्या समझानी होगी तब जाकर बनेगी बात चलो। करते हैं सोमवार को मुलाकात वैसे भी मंगल ...

खुला ख़त, आपकी (ज़ीरो बटे सन्नाटा) इण्टरनेट स्पीड के नाम

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खुला   ख़ त ,   आपकी  ( ज़ीरो  बटे  सन्नाटा )   इण्टरनेट  स्पीड   के   नाम                     नमस्कार !!!   खुला  ख़त  पिछले  कुछ  समय  से  ट्रेंड  पर  चल  रहा  है।  मुख्यतः  ये  ख़त  किसी  (गैर)  ज़िम्मेदार  संस्था  को  उससे  त्रस्त  एक  अस्तित्त्वहीन(मान  लो)  मानुस  के  बीच  संवाद  स्थापित  करने  का  साधन  होता  है,  जिसको  (गैर)  ज़िम्मेदार  संस्था  को  छोड़कर  बाकी  सब  पढ़  लेते  हैं।  आज  अपनी  ज़िन्दगी  से  त्रस्त  होकर  मैंने  भी  एक  खुला  ख़त  लिखने  की  कोशिश  की  है।  प्रतिक्रिया  दें।     ...

Script of Street Play- Scene 2

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नुक्कड़ नाटक (भाग-2) Go to Scene - 1 Go to Scene -2 Go to Scene - 3 Go to Scene - 4 Go to Conclusion SCENE-2 वरुण, ऑडी में अपन हर साल ढेर सारे नाटक कराते हैं ना बिल्कुल सर। क्यों न अपन बच्चों के लिये 10-15 दिन की थियेटर वर्कशॉप कराएं। बच्चों को कुछ सीखने को भी मिलेगा। लाजवाब आइडिया है सर। मैं अभी नोटिफ़िकेशन डाल देता हूँ। सुनो सुनो भाई सुनो सुनो। सुनो सुनो भाई सुनो सुनो। अल्हड़ नादानों सुनो सुनो, नाटक के दीवानों सुनो सुनो अपनी यूनिवर्सिटी कराने जा रही है थियेटर की वर्कशॉप। वो भी एकदम फ़्री। नाटक के दीवानों के लिये, कम जानकार नादानों के लिये। कुछ नया सीखने की ज़द में आइये अगर खाली बैठे हैं आप, तो ज़रूर आइये अरे आइये, शिवानी के भरोसे, सलोनी के भरोसे, चले आइये अगला......दिन खुली हवा में साँस, माँ वैष्णों के पास। हम बड़े गौरवान्वित, करते हैं सम्मान। आपको सिखाने आएंगे, चन्द्रचूड़ जी मान। स्वागत है आपका सर। अरे, लेकिन सारे बच्चे कहाँ है ? सर, सारे बच्चे यहाँ हैं 1500 की यूनिवर्सिटी, अलग फ़ैकल्टी साथ। वर्कश...

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