Script of Street Play- Scene 2
नुक्कड़ नाटक (भाग-2)
SCENE-2
वरुण, ऑडी में अपन
हर साल ढेर सारे नाटक कराते हैं ना
बिल्कुल सर।
क्यों न अपन बच्चों
के लिये 10-15 दिन की थियेटर वर्कशॉप कराएं। बच्चों को कुछ सीखने को भी मिलेगा।
लाजवाब आइडिया है
सर। मैं अभी नोटिफ़िकेशन डाल देता हूँ।
सुनो सुनो भाई सुनो
सुनो। सुनो सुनो भाई सुनो सुनो।
अल्हड़ नादानों सुनो
सुनो, नाटक के दीवानों सुनो सुनो
अपनी यूनिवर्सिटी
कराने जा रही है थियेटर की वर्कशॉप। वो भी एकदम फ़्री।
नाटक के दीवानों के
लिये, कम जानकार नादानों के लिये।
कुछ नया सीखने की
ज़द में आइये
अगर खाली बैठे हैं
आप, तो ज़रूर आइये
अरे आइये, शिवानी के
भरोसे, सलोनी के भरोसे, चले आइये
अगला......दिन
खुली हवा में साँस,
माँ वैष्णों के पास।
हम बड़े गौरवान्वित,
करते हैं सम्मान।
आपको सिखाने आएंगे, चन्द्रचूड़
जी मान।
स्वागत है आपका सर।
अरे, लेकिन सारे
बच्चे कहाँ है?
सर, सारे बच्चे यहाँ
हैं
1500 की
यूनिवर्सिटी, अलग फ़ैकल्टी साथ।
वर्कशॉप में आए हैं,
टोटल बच्चे सात।। जोगीरा सारारारारा जोगीरा सारारारारारा
1500 की
यूनिवर्सिटी, 80 किये एनरोल।
60 तो जम्मू चले गए,
बाकी हो गए गोल।। जोगीरा सारारारारा जोगीरा सारारारारारा
हम सोंचे शनिवार को,
बच्चे होंगे साथ।
वर्कशॉप में
सीखेंगे, करेंगे मन की बात।। जोगीरा सारारारारा जोगीरा सारारारारारा
सितंबर में मैंने
कराई लेटेक वर्कशॉप
अक्टूबर में मैंने
कराई LINUX वर्कशॉप
दिसंबर में मैंने
कराई थियेटर वर्कशॉप
कहाँ थे तुम
सर, घर
साथियों! कमरों में सो जाने से नहीं बदलता
हिन्दुस्तान।
शुक्रवार घर जाने से
भी नहीं बदलता हिन्दुस्तान
अगर बदलनी है
दुनिया, तो सोंच बदलनी बाकी है
अभी से थककर हार गए,
अभी पूरी जवानी बाकी है
शनिवार को वर्कशॉप, सीखने
की नई आस।