ख़बरें 14 जनवरी, 2022
जामिया ज़ोन में आपका स्वागत है, मैं हूँ आपके साथ मंगलम् भारत।
सबसे पहले, आप सभी को मकर संक्रान्ति पर्व की
शुभकामनाएँ। उम्मीद है आपने यह उत्सव बड़ी धूम-धाम और उल्लास के साथ मनाया होगा।
शाम के बज रहे हैं साढ़े नौ और आपके लिए हाज़िर हैं ख़बरें 14 जनवरी की।
यूपी सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने आज वही किया, जिसकी
सुगबुगाहट बीते कई दिनों से चुनाव के मौसम वैज्ञानिकों को लग रही थी। लखनऊ में हो रही वर्चुअल
रैली में उन्होंने धर्म सिंह सैनी और 6 अन्य विधायकों के साथ समाजवादी पार्टी का
दामन थाम लिया। अपने भाषण में योगी सरकार पर भी स्वामी जमकर गरजे और योगी सरकार पर
दलितों, पिछड़ों के साथ भेदभाव की बात को दोहराया।
वहीं कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र
मोदी ने सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिए
मीटिंग की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह वेरिएंट पिछले वेरिएंट के मुक़ाबले
तेज़ी से फैलता है, लेकिन हमें ध्यान रखना है कि लोग इसे लेकर चिंतित न हों।
बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस के 2 लाख 64 हज़ार 202 नए मामले दर्ज किए,
जिसमें 5 हज़ार 753 मामले कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के हैं।
भारतीय पासपोर्ट धारकों के लिए एक अच्छी ख़बर है। इसने 2022 की रैंकिंग में 2021
के मुक़ाबले 7 अंकों का सुधार करते हुए 83 वाँ स्थान हासिल किया। हेनली पासपोर्ट
की रिपोर्ट के अनुसार अब भारतीय नागरिक पहले वीज़ा अप्लाई किए बग़ैर 60 देशों का
सफ़र कर सकते हैं, जो आँकड़ा पिछले साल 58 देशों का था।
आज सुबह एनडीटीवी के पत्रकार कमाल ख़ान के निधन की ख़बर आई, जिसने पत्रकारों और राजनेताओं समेत पूरे मीडिया जगत को स्तब्ध कर दिया। शुक्रवार सुबह कमाल ख़ान ने अपने सीने में दर्द की शिकायत की और दोपहर होते-होते उनके निधन की ख़बर सोशल मीडिया में तेज़ी से प्रसारित होने लगी। 62 वर्षीय पत्रकार ने अक्सर अपनी रिपोर्टों में उर्दू और हिन्दी की विरासत को जिस प्रकार सँजोया है, वह आगामी पत्रकारों के लिए एक सीख की तरह है। स्वतंत्र पत्रकार हृदयेश जोशी ने अपनी फ़ेसबुक वॉल पर लिखा है, "कमाल की रिपोर्टिंग का एक बड़ा गुण था उनका अध्ययनशील होना। उन्होंने राम के किरदार से लेकर तीन तलाक तक कई महत्त्वपूर्ण प्रोग्राम किए। जैसे वो क़ुरान से कुछ उद्धृत करते वैसे ही गीता और रामायण की चौपाइयाँ या कहानियाँ भी सुना जाते। ये अध्ययनशीलता मुझे बड़ी उनकी रिपोर्टिंग में ही नहीं शख़्सियत में भी दिखती। इन दिनों हम जैसे बहुत से पत्रकार लिखने के काम पर ट्विटर या फ़ेसबुक पर माइक्रोब्लॉगिंग तक सीमित हैं लेकिन कमाल की जानकारी का दायरा वाक़ई कमाल का था। ऐसी बुनियाद लंबे समय के श्रम से बनती है।"